शक्ति के प्रतीक हनुमान: ’हनुमान बाहुक’ पर एक दृष्टि राधारमण वैद्य मनीषियों का ऐसा मत है कि नाम-रूप से व्यक्त सभी पदार्थो में शक्ति तत्व धर्म, और गुण रूप से व्यक्त हो रहा है, इसी से पदार्थ का परिचय होता है। इस शक्ति तत्त्व की उपासना अनादि काल से संसार में होती आ रही है। इसी प्रकार शिव तत्व की उपासना भी अति प्राचीन है। पर यह शक्ति तत्त्व और शिव तत्त्व अपना नाम बदलता रहा, यद्यपि रहा सदैव ही पूजनीय और सर्वोपरि ही। और यह बदलते हुए नाम ही भिन्न-भिन्न सम्प्रदाय कहलाने लगे तथा अपनी-अपनी पुष्टि में शास्त्र