राधारमण वैद्य-भारतीय संस्कृति और बुन्देलखण्ड - 11

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तुलसी के ’’मानस’’ की पृष्ठभूमि राधारमण वैद्य कलियुग के बाल्मीकि, मुगल काल का सबसे महान् व्यक्ति, बुद्धदेव के बाद सबसे बड़ा लोकनायक, सर्वतोमुखी ’’प्रतिभा’’ तथा निरन्तर विषपान करके आशा और विश्वास की अद्भुत वाणी बोलने वाल, तुलसी जैसा जागरूक समाज द्रष्टा, स्नेहमयी सशक्त वाणी में उद्बोधन का अमर मंत्र देने वाला एक युग निर्माता भारत को सहस्त्रों सदियों बाद मिला था। शुक्रनीति का ऐसा अनुशासन है कि ’’कलाकार आलेख्य के प्रति उसे लिखने के पहले समाधिस्थ हो, जब समाधि में उसका वह सांगोपाग दर्शन कर लेगा, जब आलेख्य प्रत्यक्षमूर्त उसकी समाधि में उठ जायेगा, तभी वह अपने विषय के