मेरी अकेली रात

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बस बस बस बस बस बस करो अब थक गईं हूँ ।मैं तुम से प्यार की उम्मीद रखना, अब नहीं शहा जाता की ख़ुदा कभी मेरी झोली मैं खुशियाँ डालेगा पर मैं ख़ुदा से नाराज नहीं हूँ, ख़ुदा जो करता है अपने बंदो के लिए हमेशा अच्छा ही करता है आज मैंने उस से बात ना करने की कसम ली है खुद से क्यू की उसे मेरे से चार साल बात करने के बाद एक दोस्त की तरह बात करनी है क्यूंकि उसको इस लॉकडाउन मैं गांव की कोई गौरी जो पसंद आ गईं है. पर अच्छा है रिश्ता एक अच्छे मोड़ पर