आखिर मेरी आशंका सच निकली। आर्थिक मंदी के कारण 50 प्लस वालों को नौकरी से रिटायर करने के सरकारी निर्देश का पालन सरकारी महकमों में अभी शुरू होने वाला था।उसके पहले ही इसे प्राइवेट स्कूलों ने लागू कर दिया ।वैसे भी वहाँ सत्र के बीच में या कभी भी कोई दोष लगाकर अध्यापक को निकाला जा सकता है। स्कूल के 15 वर्षों के कार्यकाल में मुझ पर कोई आरोप नहीं लगा था।अपने विषय हिंदी में मैंने डॉक्टरेट किया था।बच्चे ,अभिभावक और स्कूल मैनेजमेंट भी मेरे उत्तम शिक्षण पद्धति के कायल थे।सांस्कृतिक कार्यक्रम कराने में मेरी मुख्य भूमिका होती थी।सैकड़ों सुपरहिट