उत्तरी मध्यप्रदेश का गौरवशाली स्थल- ‘‘ इतिहास का भूला’-बिसरा पृष्ठ ‘‘भर्रोली ’’ राधारमण वैद्य अभी हर स्थान अपने इतिहास के लिखे जाने की प्रतीक्षा में है, विशेष रूप से विन्ध्यभूमि का वस्तुनिष्ठ और समग्र इतिहास तो अभी भी लिखा जाना शेष है। यह प्राचीनतम भूमि न जाने क्या-क्या अपने आप में सहेजे हुए चुपचाप पड़ी है। इसकी चोटियाँ, उपत्यकाएँ और तलहटी अगर खँगाली जाये, तो बहुत सा अतीत मुखर हो उठेगा,।केवल सही सूत्रों को पकड़कर उन स्थानों की व्याख्या भर प्रस्तुत कर दी जानी है, इसमें अपने आग्रहों और निरर्थक का व्यामोह काम न करे, यह शर्त है।