कुछ चित्र मन के कैनवास से - 27 - विदा के पल

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विदा के पल अब हमारे पास सिर्फ 1 दिन बाकी था । पैकिंग भी करनी थी अतः इस दिन को हम घर में रहकर सब के साथ बातें करते हुए, रिलैक्स मूड में बिताना चाहते थे । रात्रि को प्रभा ने डोसा का कार्यक्रम रखा था क्योंकि उसे लगता था कि मैं अच्छा डोसा बनाती हूँ । पूरा दिन कैसे बीत गया पता ही नहीं चला आखिर वह दिन आ गया जिस दिन हमें लौटना था ।14 अगस्त को आइ.ए 126 फ्लाइट से शिकागो के ओ. हेरे एयरपोर्ट से, जो शाम को वहां के समय के अनुसार शाम 4:00 बजे चलती