मीनाक्षी अब से पहले किसी हमउम्र लड़के के इतने नज़दीक नहीं आयी थी। ये सब जो भी हो रहा है,ये सब उसके लिए बिल्कुल नया है। लेकिन न जाने क्यों, इस नयेपन में उसे एक विचित्र सुख की अनुभूति हो रही है। अर्जुन की दिलेरी-उसकी सूझबूझ ने उसे बहुत प्रभावित किया है। उसे मालूम नहीं है कि आगे क्या होगा-और वो जानना भी नहीं चाहती। वो तो बस इस जलधार में बहती चली जाना चाहती है।अभी कुछ घंटों पहले तक तो ये दोनों एक-दूसरे को जानते भी नहीं थे। जानते तो ख़ैर अब भी नहीं हैं, अब तक दोनों के