उपन्यास भाग---१ दैहिक चाहत – १ --आर. एन. सुनगरया, हॉटल की सीडि़यॉं उतरती शीला, फुरतीले अंदाज में लगभग दौड़ती हुई, मैन गेट पहुँची ही थी कि सामने से गुजरती टैक्सी के ड्राइवर ने सांकेतिक भाषा में पूछा, ‘’टैक्सी.....मैडम.....?’’ मुण्डी हिलाकर शीला ने स्वीकृति दी। टैक्सी रूकी, अपनी शीट पर बैठे-बैठे ही