विवेक तुमने बहुत सहन किया बस! - 25 - अंतिम भाग

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अध्याय 25 कार आधी रात को चेन्नई के सुनसान सड़कों पर दौड़ रही थी। "कहां जा रहे हैं बॉस?" "डॉ अमरदीप को, मनुष्य संस्था के दूसरे चार लोगों को तुम्हें नहीं देखना क्या? "कैसे बॉस?" विष्णु की आंखों में आश्चर्य ही आश्चर्य! "ऐसे बोले तो...?" एक छोटा काम किया। तुम्हें मदुरई से चेन्नई जाने को बोलने के बाद.... चेन्नई सी.पी.सी. जीटी को फोन करके स्क्वार्ट हेड क्वार्टर अरविंद से डॉ अमरदीप को उनके निगरानी में रखने को बोला। वे जहां भी जाएं वहां फॉलो करने के लिए बोला। वे पूरी तैयारी करके हॉस्पिटल के चारों ओर किसी को भी संदेह