अघोरी का शाप - 4

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शायद बाबा के बाप और विनती का असर अघोरी पर पड़ा और वो अपनी उसी गुर्राहट भरी आवाज़ में बोला- "तूने मुझे जल पिलाया है, मेरी प्यासी आत्मा को तृप्त किया है इसलिए मैं तेरा ऋणी हो गया हूँ , तेरे इस उपकार के बदले मैं तेरी विनती को मान कर अपने श्राप का असर कम तो कर सकता हूँ पर वापस नही ले सकता।" ऐसा मत कहो महाराज, हम अभागों पर दया करो, ये हमारी पहली संतान है और अगर ये ही मंदबुद्धि या किसी और कमी से ग्रसित हुई तो हमारा क्या होगा, उसका भी भविष्य दुखदायी होगा