नागमणी (संस्मरण ) - 3

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उस दिन अमरनाथ जी से हमारी मुलाकात संक्षिप्त व औपचारिक ही रही थी । चाय नाश्ता वगैरह करके उस दिन सभी चले गए । बाद में पता चला अमरनाथ जी कुछ दिन वहां रुकने वाले हैं ।मित्र श्री संतराम का रिश्तेदार होने की वजह से हमने एक दिन उन्हें शिष्टाचार वश खाने पर बुलाया । अबकि उनके साथ एक और आदमी भी आया था जिसे वो अपना चेला बता रहे थे । इसके पहले की मुलाकात में अमरनाथ जी ने खुद किसी चमत्कार के बारे में नहीं बताया था लेकिन उनके इस तथाकथित चेले ने गुरूजी की तारीफों के पुल