गुमनाम : मर्डर मिस्ट्री - 16

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नकाबपोश सोफे से उठकर, इधर-उधर घूमते हुए और अपने हाथ में खंजर घुमाते हुए अपनी कहानी की शुरुआत करता है। आज से लगभग 20 साल पहले की यह बात है। यहां पर इसी मकान में एक वैद्य रहता था जो सब बीमारियों का जंगल की जड़ी बूटियों से इलाज करता था। उसका नाम रमाकांत दीवान था, वह बहुत ही सज्जन और भला मानुष था। वह गरीबो, लाचार और बीमारों का इलाज करता था। बीमारों की सेवा करना ही उसकी जिंदगी का मकसद बन गया था। वह तन मन धन से उनकी सेवा में लगा रहता था। वह जंगल में जाकर