ईशान धीरे धीरे अपनी आंखें खोलता है। अपने बदन में लगी हुई चोटो की वजह से उसको दर्द हो रहा था और कमजोरी भी महसूस हो रही थी फिर भी वो अपने आसपास चारोंओर झांकने की कोशिश करता है। चारोंओर अंधेरा छाया हुआ था। दूर एक काच की खिड़की में से बाहर की रोशनी दिखाई दे रही थी। खिड़की से बाहर हल्की हल्की बर्फ गिर रही थी। ईशान को सबकुछ धुंधला धुंधला सा दिखाई दे रहा था। चारोंओर पुराना सामान और टूटी फूटी चीजवस्तुए पड़ी हुई थी इससे उसको अंदाजा हो जाता है कि वह किसी के घर का basement