कुछ चित्र मन के कैनवास से - 18 - लेक मेरी

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लेक मेरी लेक मेरी से मियामी पास ही था किंतु इतना भी पास नहीं कि 1 दिन में जाकर लौटकर आया जा सके । हमारी प्लानिंग में थोड़ी कमी रह गई थी । हमारे पास आज का पूरा दिन था अतः हमने सोचा यह दिन आराम करने में बिताएंगे पर पिंकी ने कहा कि आज आप यहां भी घूम लीजिए । वह हमें सुबह मंदिर ले गई । दूर देश में भी भारतीयों की आस्था देख कर मन खुश था । बिल्कुल भारतीय अंदाज में ही यहां पूजा हो रही थी । हां साफ सफाई भारत के मंदिरों की अपेक्षा