एपीसोड --1 नीलम कुलश्रेष्ठ गुजरात की प्रथम हिन्दी कवयित्री कुमारी मधुमालती चौकसी के संघर्षशील रोगी जीवन का जीवंत दस्तावेज [ 'धर्मयुग' से अपना लेखन आरम्भ करने वाली मधु जी के लिए 'धर्मयुग 'के उपसम्पादक वीरेंद्र जैन जी ने लिखा था, "मधुमालती को देखकर मुझे अक्सर अंग्रेज़ी साहित्य की कुछ अकेली लड़कियों जैसे मिस एलिज़ाबेथ बेरेट, एमिली डिकिन्सन, एमिली ब्रांटी, वर्जीनिया वुल्फ़, और वर्ड्सवर्थ की वह लूसी ग्रे याद आ जाती है जो जंगल में सँझियारे में अपनी माँ को खोजने लालटेन लेकर गई थी --और फिर खो गई थी। वह कभी नहीं लौटी। एलिज़ाबेथ बेरेट मधु जी की तरह ही