अगले दिन सुबह त्रिधा कॉलेज पहुंची तो फिर संध्या उसे लेकर कॉलेज के सेमिनार हॉल में पहुंच गई जहां आज उन्हें प्रभात और एक अन्य लड़का भी मिला।" तुम यहां कैसे ? " त्रिधा ने प्रभात से पूछा।" तुम यहां कैसे ? " प्रभात ने भी वही सवाल दोहरा दिया।" रैगिंग से बचने के लिए " त्रिधा ने मासूमियत से कहा।" तो मैं भी इसलिए ही यहां हूं " प्रभात ने कंधे उचकाते हुए कहा जैसे उसे त्रिधा से ऐसे बचकाने सवाल कि उम्मीद न हो।" ओह हां " त्रिधा ने अपने माथे पर हाथ मारते हुए कहा।" वैसे संगत