विवेक तुमने बहुत सहन किया बस! - 24

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अध्याय 24 मेटरनिटी वार्ड के पास विवेक और विष्णु के जाते समय.... ट्रॉली को दखेलते हुए एक नर्स दिखाई दी। "स्टाफ नर्स पुष्पम कहां है?" "रेस्ट रूम में सो रही हैं सर! अभी देख कर आ रही हूं...." - कहकर नर्स चली गई.... विष्णु गुस्से में आया। "देखा बॉस? सब काम कर करा कर.... बिल्ली जैसे सो रही है...!" "कल से उसको नींद बंद । रेस्ट रूम कहां है देखो....!" "देख लिया बस। वह वहां....!" बरामदे के कोने के रेस्ट रूम के पास गए। दरवाजा उड़का हुआ था।... उसे धीरे से धक्का दिया। अंदर - मेज पर सिर रखकर हाथ