जो लरे दीन के हेत- सुरेंद्र मोहन पाठक

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अगर आप थिर्लर/रोमांचक उपन्यासों को हिंदी में कभी भी पढ़ा है तो यकीनन आप सुरेन्द्र मोहन पाठक जी के नाम से बिल्कुल भी अपरिचित नहीं होंगे। अब तक वे 300 रोमांचक/थ्रिलर उपन्यास लिख लुगदी साहित्य के क्षेत्र में, अपने नाम और हुनर का डंका बजा अपनी सफलता का झण्डा गाड़ चुके हैं। लुगदी साहित्य के क्षेत्र में इसलिए कहा कि तमाम बड़ी एवं बंपर सफलताओं के बावजूद उनके लेखन को कभी भी तथाकथित साहित्यकारों अपनी असुरक्षा के चलते साहित्य का दर्ज़ा नहीं दिया। थिर्लर उपन्यासों के अलावा उन्होंने सुनील, सुधीर और विमल जैसे किरदारों को ले कर अलग अलग उपन्यासों की