दो आशिक़ अन्जाने - 3

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आय प्रमाण पत्र और राशन कार्डों को अगर आधार मानें, तो यूपी-बिहार के 60% लोग; भूखों मर जाने की हद तक ग़रीब हैं। इन दोनों राज्यों की एक बड़ी आबादी अपनी रोजी-रोटी की तलाश में मेट्रो शहरों का रुख करती है, जहाँ इन्हें प्रवासी मजदूर कहा जाता है। कोरोना वायरस के चलते जब लॉकडाउन हुआ तो ये लोग बाहरी राज्यों में ही फँस गए। जैसे-तैसे हफ़्ते-दस दिन तो कटे लेकिन जब लॉकडाउन की मियाद बढ़ने लगी तो इन मज़दूरों को अपने घरों की याद सताने लगी। राशन की व्यवस्था तो सरकारों ने कर दी थी, बहुतेरे समाजसेवी भी आगे आकर