बैंक में नौकरी लगने पर सबसे ज्यादा खुसी देवेन की पत्नी निशा को हुई थी। पहले देवेन का टूरिंग जॉब था।वह महीने में बीस दिन दिल्ली से बाहर ही रहता था।पति के बाहर चले जाने पर निशा के पास कोई काम नही रहता।उसके पास समय ही समय था।वह सींचती इस समय को कैसे काटे अब पति की दिल्ली में ही बैंक में नौकरी लग गई थी। अब उसे समय का अभाव लगने लगा।सुबह उठते ही निशा काम मे लग जाती।पति साढ़े नो बजे घर से निकलता था।वह पहले चाय बनाती फिर पति को उठाती थी।फिर दोनों साथ बैठकर चाय पीते।देवेन