जानेमन

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उर्मि के कदमों में आज तेजी थी।हर दिन से आज 10 मिनट देर से थी वह।सुबह वह भूल ही गयी थी कि आज शुक्रवार है और स्टेशन पर कोई उसका इंतजार कर रहा होगा।कैंट स्टेशन जाने वाली सड़क हर रोज की तरह गुलजार थी।स्टेशन और शहर को जोड़ने वाली यह इकलौती सड़क थी इसीलिए यह सड़क दिन-रात में भेद नही करती थी।उर्मि भीड़ को चीरते हुए फल वाले ठेले के पास आकर रुकी।ठेले वाले ने नजर उठाकर उसे देखा, एक पल को मन में चंचलता आई और वह जल्दी-जल्दी बाकी ग्राहक निपटाने लगा।वह जानता था यह सामने जो लड़की खड़ी