हां जी ! बिल्कुल स्त्री होना भाग्य की बात है। नारी सृजन करती है। नारी श्रद्धेय है नारी पूजनीय है अष्टभुजाधारिणी मां दुर्गा महारानी की आज विधि विधान से पूजन होगी । आज की तिथि महालया है। अक्सर इस दिन पर दो तीन मंदिरों में पुष्पांजलि और आरती करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ.मंदिर की यात्रा होती पैदल । प्रथम पुष्पांजलि देने की सोच होती मेरी .जो करीब दिन के ग्यारह बजे से होती थी। लेकिन भीड़ के कारण फूल देना समय से पहले ही शुरू कर दिया जाता था मैं पुष्पांजलि शुरु होने के कुछ मिनट पहले पहुंचती थी