प्रायश्चित - भाग-15

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देर रात दिनेश, शिवानी के साथ गांव पहुंचि । बच्चे तो रास्ते में ही सो गए थे। सामान आदि अंदर रखवाने के बाद दिनेश ने शिवानी से कहा "शिवानी तुम बच्चों के पास ही रुको। मैं मां के पास हॉस्पिटल जा रहा हूं।" "दिनेश, मैं भी तुम्हारे साथ चलना चाहती हूं।" " नहीं शिवानी, बच्चों को घर पर अकेले छोड़ना या इस समय हॉस्पिटल लेकर जाना सही नहीं। दिन होता तो किसी के पास छोड़ भी देते। इतनी देर रात किसी को जगाना भी अच्छा नहीं लगता। तुम अभी आराम करो। सुबह आ जाना।" कह दिनेश बाहर निकल गया। जब वह