नियम कहता है कि हर किसी को अपनी गलती सुधारने का एक मौका मिलना चाहिए। हालांकि प्रकृति की श्रेष्ठतम संतान होने के नाते, प्रकृति ने मनुष्य को सुधरने के कई मौके दिये हैं। लेकिन गाय ममतावश अपने बछड़े को कभी-कभार इतना चाट देती है कि बछड़े को घाव हो जाता है। मानव के साथ भी प्रकृति ने यही किया। कुदरत नज़रंदाज़ करती रही और इंसान अपनी सीमाओं का अतिक्रमण करता रहा।यह कहना गलत न होगा कि मनुष्य को जब-जब अपनी शक्तियों का घमंड हुआ है, प्रकृति ने उसकी ग़लतफ़हमी दूर कर दी है। इस बार भी ऐसा ही हुआ। अपने