(24)अंजली ने मानवी को एक नाइट क्लब में वेटरेस का काम दिलवा दिया था। उस क्लब में कोई ना कोई पार्टी होती रहती थी। मानवी पार्टी में मेहमानों को शराब सर्व करती थी। अक्सर उसके मन में हूक उठती थी। कभी वह भी ऐसी ही रंगीन पार्टियां दिया करती थी। आज उसे पार्टी में वेटरेस का काम करना पड़ता था। पर वह अपने आप को समझाती थी कि पुजारी के घर वह जैसी ज़िंदगी जी रही थी उससे यह ज़िंदगी बहुत अच्छी है। कम से कम यहाँ वह उस चमक दमक के नज़दीक तो थी जिसकी वह आदी