शाम को कुमार, किरण के साथ शिवानी के यहां पहुंचा। शिवानी ने उसे बैठने के लिए कहते हुए , उसके सामने सारे गहने रख दिए , कुछ नगदी के साथ ही उसे दो चेक काट कर देते हुए बोली " कुमार ₹200000 नगद है गिन लो और 200000 का यह चेक । हां, यह गहने देख लो। मैं समझती हूं, बाकी रूपयों की पूर्ति इन गहनों से हो जाएगी।" कहकर शिवानी चुप हो गई। कुमार ने गहनों पर सरसरी निगाह डाली और रुपयों को अपने हाथ में लेकर तौलते हुए बोला "शिवानी जी, गिनने की क्या जरूरत है। किसी और