पंछी उवाच

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पंछी उवाच ये जंगल बहुत ही अच्छा और सुंदर था । कल-कल करती नदियॉ , हरे-भरे पेड़ों से लदे पहाड़ और जानवरों की बहुतायत । हम जानवरों को सब कुछ इसी जंगल से ही मिलता था । इस जंगल की खासियत यह थी कि अभी इसमें दो पैरों पर चलने वाले जानवरों की घुसपैठ कम ही थी । वैसे भी वे दो पैर पर चलने वाले जानवर अपने लिए अलग ही तरह के कांक्रीट के जंगल बना कर रहते है । हम जानवरों को यदि सबसे अधिक ड़र लगता