आभार

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सृष्टि में सौंदर्य का एक अनुपम एवं अद्वितीय स्थान है संस्कृत साहित्य में काव्य गुणों के शेट्टी की अनेक गुणों से संबंधित विषय सामग्री विपुल है संस्कृत के महान काव्य में अनामिका नाम को सार्थक करने वाला कालिदास ही है जिनका काव्य शारदी जोशना के समान यामिनी को कामिनी कृतार्थ करने वाला है कालिदास के गांव में सौंदर्य विधान शीर्षक द्वारा सौंदर्य की विविधता के परिपेक्ष में उनके काव्य का विश्लेषण किया गया है प्रस्तुत ग्रंथ सर्वथा मौलिक है सौंदर्य का स्वरूप उसकी विशेषताएं सौंदर्य संबंधी कालिदास की सूक्ष्म दृष्टि आदि सामग्री नितांत मौलिक है सौंदर्य के शारीरिक मानसिक अलौकिक