एक शिकार दो शिकारी

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रघुवन में आम के फलों का मौसम था| हर आम के पेड़ पर रस भरे आम लदे हुए थे| भूखी लाली लोमड़ी कुछ खाने की तलाश में इधर उधर घूम रही थी| वो आमों के देख कर ललचा रही थी | परन्तु ऊँचे ऊँचे पेड़ों पे चढ़ कर आम तोड़कर खाना उसके बस का नहीं था| वो निराशा में चली जा रही थी| तभी उसे छोटा सा टिंकू बंदर दिखाई दिया | वो इस समय अकेला एक पेड़ पे लटका आम खा रहा था| उसे देख कर लाली ने मन ही मन कहा “अरे वाह इधर तो भोजन और भोजन