मायावी देश की चकाचौंध ममा का प्यार भरा आग्रह था या छोटी बहन अर्चना से मिलने की चाह वंदना विपिन पर बच्चों की जिम्मेदारी सौंप कर मायके चली आई थी । छोटी बहन जिसके साथ माता-पिता रूपी वटवृक्ष के तले बचपन से लेकर जवानी तक के चौबीस बसंत हंसते खेलते बिताए थे, साथ-साथ घूमे थे, साथ-साथ पढ़े थे, यहाँ तक कि एक दूसरे की गलती छुपाने के लिए, एक दूसरे के लिए डांट भी खाई थी । किंतु समय के प्रवाह ने उनकी मासूम भावनाओं को रौंदते हुए उन्हें अलग कर दिया था । समय के प्रवाह को क्या कोई रोक पाया