#तलाश -3 (गंताक से आगे)सुजाता और कविता के बीच मित्रता का बहाना बना सुविनय, और इस मित्रता ने कविता को जीवन के प्रति सोचने समझने के लिये एक नया आयाम दिया, कई रिश्तों की रिक्तता के बाद भी सुजाता और सुविनय अपने जीवन को अपने लिये और सामाजिक चैतन्य के साथ जी रहे थे कविता ने अपने लिये अपनी नकारात्मक से उबरने का एक सन्देश देखा, अब कभी कभी वह स्कूल कैम्पस में ही बने होस्टल में सुजातादी के घर चली जाती, सुजाता बहुत ही सुलझी ओर सन्तुलित थी, उन्होंने कभी कविता से उसके अनमनेपन को लेकर कोई प्रश्न