इंसानियत - एक धर्म - 30

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सिपाहियों ने आकर पांडेय जी को सलूट किया । हल्के से गर्दन हिलाकर पांडेय जी मुनीर के घर से बाहर निकल कर थोड़ी दूर जाकर रुक गए । उनके पीछे दोनों सिपाही भी थे । आसपास कोई भी न था यह देखकर पांडेय जी बोले ” कहो ! क्या खबर लाये हो ! कुछ पता चला ? ”” साहब ! गांव में हमने कई लोगों से पूछताछ की ,मुनीर का पता जानना चाहा लेकिन किसी ने कुछ नहीं बताया । उसके रिश्तेदारों के बारे में भी किसीने नहीं बताया । सबने एक ही बात कही यह छोटे पर से ही