"नारायण नारायण---घोर कलयुग है"क्या हुआ नारद,"भगवान विष्णु, नारद को देेेखते ही बोले," चितित नज़र आ रहेे हो।कहाँ से आ रहे हो?"प्रभु भूलोक में गया था।पूरी पृथ्वी का भृमण करके आ रहा हूँ।""अच्छा,"नारद की बात सुनकर भगवान विष्णु बोले,"क्या चल रहा है धरती पर।क्या देख आये?""प्रभु अनाचार,अत्याचार,पाप की पराकाष्ठा हो गई है।भाई भाई का,बेटा बाप का,बाप बेटे का,माँ भी कुमाता हो गई है।अपने ही अपनो के खून के प्यासे हो गए है।आदमी मर्यादा पुरुष भगवान राम को भूल गए है।उनके दिखाए रास्ते से भटक गए है।औरते भी सावित्री नही रही।पति पत्नी एक दूसरे के वफादार नही रहे।जुआ,शराब,चरस,गांजा,अफीम,हेरोइन,ड्रग्स,वेश्यावर्ति, अपहरण,लूट न जाने क्या