विश्वासघात--भाग(१३)

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प्रदीप का मधु पर हाथ उठाना देख,साधना चुप ना रह सकी और उसने प्रदीप के पास आकर कहा___ मैं मधु की माँ हूँ और प्रदीप! तुम मधु को बिल्कुल गलत समझ रहें।। नहीं, आण्टी !मैं उसे अब बिल्कुल ठीक समझा हूँ,पहले गलत समझा था,मैं नहीं जानता था कि वो एक नम्बर की मक्कार और धोखेबाज है,नहीं तो मैं उसकी बातों में कभी ना आता,प्रदीप ने जवाब दिया।। प्रदीप बेटा! पहले तुम मेरी बात सुन लो,फिर उसके बाद वही करना जो तुम्हारा मन करें,साधना ने कहा।। ठीक है आण्टी! कहिए,जो आप कहना चाहतीं हैं,प्रदीप बोला।। उसने जो तुम्हारे