"दिखाई नहीं देता पर शामिल जरूर होता है हर आत्महत्या करने वाले का कोई ना कोई कातिल जरूर होता है" इन्ही लाइनों को चरितार्थ करती ये कहानी इस समाज में व्याप्त जहर को दर्शाती है ... कहीं बार जाने अंजानें में ही हम बिना कुछ सोचे दुसरो को जज करने लग जाते है इसका खामियाज़ा किसी को अपनी जिंदगी दे के चुकाना पड़ता है....जिस दिन उसकी शादी थी उसी दिन मोहल्ले के एक लड़के ने आत्महत्या कर ली थी। उसके फेरे होने से कुछ घंटे पहले। आग की तरह ये खबर पूरे मोहल्ले में फैल गयी। जब उसके घर तक ये बात पहुंची तो लड़के वा