उर्वशी और पुरुरवा एक प्रेम-कथा भाग 14 (अंतिम)महाराज पुरुरवा दीवानों की तरह पेड़ पौधों पत्थरों वन प्राणियों से पूँछ रहे थे कि क्या उन्होंने उर्वशी को किसी दैत्य के चंगुल में फंसे हुए देखा है। परंतु कोई उत्तर ना पाकर और अधिक परेशान हो रहे थे। भटकते हुए वह कुमार वन में पहुँच गए। वहाँ पहुँच कर उन्हें विचार आया कि यह क्षेत्र स्त्रियों के लिए