इज़हार ए इश्क़ किया हे अभी, खोयी मुस्कराहट याद करने दो। आग़ाज़ ए इश्क़ हुआ हे अभी, थोड़ा तो उनका ज़िक्र करने दो। तौबा करेंगे सुकून से सोहिल, अभी गुनाह तो मुक़म्मल करने दो।Ijhar e ishq kiya he abhi, khoyi muskurahat yaad karne do. Aaghaj e ishq hua he abhi, thoda to unka jiqr karne do. Tauba karenge sukun se sohil, abhi gunah to mukammal karne do. ——————————————————उन्हें याद करने का काम कुछ अच्छा ही था, अब तो भूल गया हूं पर उनका नाम कुछ अच्छा ही था।Unhe yaad karne ka kaam kuch acha tha,Ab to bhul gaya hu par unka naam kuch acha