उपन्यास- भाग—6 अन्गयारी ऑंधी—6 --आर. एन. सुनगरया, ट्रान्सफरेबल जॉब, खाना बदोश जीवन के समान होता है। इसमें कुछ भी स्थाई नहीं होता; सभी कुछ अस्थाई, कोई ठौर-ठिकाना