मासूमियत की कीमत

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कमरे से हँस-हँस कर रोहित की आती आवाज सुनकर सुनैना उसका गेट खोलती अंदर चली गयी। वो कंप्यूटर पर अपने नये दोस्त विक्टर से बातें कर रहा था। "हाँ तो अभी लंदन का मौसम कैसा है विक्टर?" वो आवाज को स्पीकर पर डाले था--"ओह मॉम! आप कब आयी? हे विक्टर! ये मेरी मॉम है सुनैना माथुर।" वो, माँ को देखते हुए देखते कहता है। "हाय सुनैना! कैसी हो आप? आई थिंक अच्छी होंगी।" उधर से विक्टर की खनकती आवाज आयी थी। "तुम रोहित के फ्रेंड हो तो मुझे आंटी बोल सकते हो।" सुनैना गंभीर लहजे में बोली। "ओ नो नो,