कीर्तिमान - बाल कहानी

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पारस नर्सरी में पढ़ने जाता तो उसका छोटा भाई प्रतीक उसके साथ जाने की ज़िद करता ।प्रतिदिन मॉं उसे प्यार से समझातीं कि तुम अभी छोटे हो स्कूल नहीं जा सकते। जब पारस अपनी छोटी-छोटी उँगलियों से गृहकार्य करता तो प्रतीक बड़े ही ध्यान से देखता । एक दिन पारस को स्कूल में काम मिला तो वह लिखे हुए बिन्दुओं पर पैंसिल फिरा कर अपना गृहकार्य कर रहा था ,पास में बैठा हुआ प्रतीक बड़े ही ध्यान से देख