नज़मा जब केवल चार साल की थी।तभी उसके अब्बा रमजान की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी।उसकी माँ सुल्ताना जवान थी।उसके सामने अभी पूरा जीवसं पड़ा था।सुल्ताना के अब्बू और मम्मी ही नही दूसरे रिश्तेदार और परिचित भी चाहते थे।वह फिर से निकाह कर ले।कुछ ने तो उसके सामने निकाह का प्रस्ताव भी रझा था।लेकिन सुल्ताना ने बेटी के भविष्य को ध्यान में रखकर निकाह करने से इनकार कर दिया।सुल्ताना शिक्षित महिला थी।उसने एक स्कूल मे नौकरी कर ली।शौहर के गुज़र जाने के बाद उसने अपना पूरा ध्यान बेटी के लालन पालन की तरफ लगा दिया।नज़मा अपनी माँ के