उसने आत्महत्या क्यो की (भाग 2)

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रमा,रमेश को चाहती थी।उससे प्यार करती थी।उसे अपना जीवन साथी बनाना चाहती थी।माँ बाप के विरोध के बावजूद उसने रमेश से शादी कर ली।प्यार और शादी में अंतर है।प्यार भावात्मक धरातल पर टिका होता है।जबकि शादी की नींव यथार्थ की ज़मीन पर रखी जाती है।प्रेम अंधा होता हैं।प्रेम करने वाले ऐसे ख्वाब देखते है,जो शायद ही सच होते है।शादी दो दिलो का मिलन होता है।इस रिश्ते में समानता की बड़ी अहमियत होती है।अचानक स्थापित प्रेम संबंध में समानता जैसी बातो पर ध्यान नही दिया जाता।जो आगे चलकर अनेक परेशानियों को जन्म देता है।रमा ने भी अपने प्रेमी रमेश से शादी