मोहबत ए जईफ (वेलेंटइन स्पेशल)

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फ़रवरी का महीना और सर्द की विदाई शुरू हो चुकी थी अब सर्दी को लोग बस एक लंबे समय से झेल रहे मेहमान की तरह ही नापसन्द कर रहे थे । अब तो ना ही उसके लिए कोइ उत्साह था और ना ही उसका कोइ भय । एक तरफ सर्दी की विदाई हो रही थी तो दूसरी तरफ़ किसी नए चंद दिनों के महमनो के आने का स्वागत । बाजारों में भी हर तरफ़ उसके आने के ही संकेत नजर आ रहे थे। कहीं गुलाबों से सजी दुकानें तो कहीं दुकानों में सजे रखे गुलाब बस हर तरफ़ श्रंगार रस