छापे का डर (व्यंग्य कथा)

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छापे का डर विभिन्न स्थानों पर चपरासी ,बाबू और बड़े-बड़े सहाबों के घर छापे पड़ने लगे । खबरों की दुनिया में तहलका मच गया क्योंकि इनके घर करोड़ों उगलने लगे । ऐसे समय में रामलाल की पत्नी बहुत परेशान हो गई । अब उनको रातों को नींद नहीे आती और वे दिन में भी चैन से नहीे रह पातीं । वे हमेशा ही खोई-खोई और उदास रहने लगी । अरे ..... आप रामलाल को नहीे जानते , रामललाल जी.... अरे वही जो शहर के एक विभाग में अफसर है । वैसे उनका इतना परिचय काफी