मेरा नाम सावित्री है ,मेरी उम्र करीबन 45 वर्ष के बीच की है। मै मध्यम वर्ग परिवार से हूँ। कोरोना काल से पहले मै एक घर में नौकरानी का काम करती थी। सब कुछ अच्छा चल रहा था। परन्तु देश में फैली इस महामारी ने सभी के जीवन में उथल पुथल मचा कर रख दी। सभी को इस महामारी ने अपना निशाना बनाया। लॉकडाउन के रहते सभी लोग अपने घर में ही कैदी बन गए। मेरा भी काम काज छूट गया। और मेरे जैसे और ना जाने कितनी सावित्री का काम पर जाना छूट गया ,मैने ज्यादा पढ़ाई लिखाई भी नहीं की थी।