चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 57 द डिक्टेटर के निर्माण के दौरान मुझे सनक भरे पत्र मिलने शुरू हो गये थे और अब चूंकि फिल्म पूरी हो गयी थी, ऐसे पत्रों की संख्या बढ़ने लगी। कुछ पत्रों में धमकियां दी गयी थीं कि वे लोग थियेटर पर बदबूदार बम फेंकेंगे जबकि कुछ और धमकियां थीं कि जहां कहीं फिल्म दिखायी जा रही होगी, परदे फाड़ देंगे। कुछ अन्य पत्रों में दंगा फसाद करने की बात कही गयी थी। पहले तो मैंने सोचा कि पुलिस को बताया जाये लेकिन फिर सोचा कि इस तरह का प्रचार शायद दर्शकों को