चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 55

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चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 55 डिनर के वक्त जिस वक्त हम डाइनिंग हॉल में पहुंचे तो कॉकटेयु दूर कोने वाली मेज़ पर बैठे हुए थे और उनकी पीठ हमारी तरफ थी। लेकिन उनका सचिव हमारी तरफ देखने से अपने आपको रोक नहीं पाया और उसने हाथ के कमज़ोर से इशारे से कॉकटेयु को हमारी उपस्थिति के बारे में बताया। वे पहले तो हिचकिचाये, फिर मुड़े और हैरानी दिखायी और मेरी तरफ उल्लास के साथ वह पत्र हिलाया जो मैंने उन्हें भेजा था। मैंने भी खुशी खुशी उनका पत्र हिलाया और हम दोनों ही हँसे। इसके बाद हम