चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 50

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चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 50 ये सच है लेकिन उस वक्त मैं नहीं चाहता था कि मेरी निजी राय को इस तरह से प्रेस की तरफ से सार्वजनिक किया जाये। सच तो ये है कि मैं देशभक्त नहीं हूं। नैतिक या बौद्धिक कारणों की वजह से ही नहीं - लेकिन इसका कारण ये भी है कि मुझे देश के लिए कोई भावना नहीं है। कोई व्यक्ति देशभक्ति को किस तरह से स्वीकार कर सकता है जब देशभक्ति के ही नाम पर साठ लाख यहूदियों का कत्ल किया जा रहा है। कोई यह बात कह सकता है कि