कैलाश मानसरोवर - वे अद्भुत अविस्मरणीय 16 दिन - 7

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परिक्रमा का दूसरा व तीसरा पड़ाव डोलमा ला पास, जुतुलपुक हमारे समूह के अन्य सदस्य रात को डॉरमेट्री में ही रुक गए । सुबह शायद कैलाश का स्वर्णिम शिखर दिख जाए... इस आशा में सब जल्दी उठ गए लेकिन इस बार भी हमारी किस्मत में स्वर्णिम शिखर देखना नहीं था या कह लीजिये कि कैलाश जी ने कुछ अद्भुत दृश्यों को हमसे छुपा लिया था कि हम फिर से इस यात्रा पर आ सकें । सुबह अशोक और सृजन हर बार की तरह गर्म नाश्ते, चाय, कॉफी और बॉर्नविटा दूध लेकर डॉरमेट्री पहुँच गए । सबने नाश्ता किया और वे