उर्वशी और पुरुरवा एक प्रेम कथा - 8

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उर्वशी और पुरुरवा एक प्रेम-कथा भाग 8दस्युओं की गुफा से निकल कर अभिक जंगल में नंदन की प्रतीक्षा करने लगा। अपना पारितोषक लेकर नंदन खुशी खुशी लौट रहा था। अचानक ही पेड़ पर चढ़ा अभिक उसके सामने कूद गया। इस तरह अभिक को सामने देख कर नंदन डर गया। अभिक ने उसे पकड़ कर अपनी कृपाण उसकी गर्दन पर रख दी।भय से कांपते हुए नंदन